श्री चैतन्य चरितामृत  »  लीला 1: आदि लीला  »  अध्याय 13: श्री चैतन्य महाप्रभु का आविर्भाव  »  श्लोक 46
 
 
श्लोक  1.13.46 
দামোদর-স্বরূপ, আর গুপ্ত মুরারি
মুখ্য-মুখ্য-লীলা সূত্রে লিখিযাছে বিচারি’
दामोदर - स्वरूप, आर गुप्त मुरारि ।
मुख्य - मुख्य - लीला सूत्रे लिखियाछे विचारि’ ॥46॥
 
अनुवाद
श्री स्वरूप दामोदर और मुरारि गुप्त जैसे भक्तों ने चैतन्य महाप्रभु के प्रमुख लीलाओं का विस्तृत विवरण गहन विचार-विमर्श के पश्चात नोट्स के रूप में दर्ज कर रखा है।
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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