श्री चैतन्य चरितामृत  »  लीला 1: आदि लीला  »  अध्याय 13: श्री चैतन्य महाप्रभु का आविर्भाव  »  श्लोक 20
 
 
श्लोक  1.13.20 
ফাল্গুন-পূর্ণিমা-সন্ধ্যায প্রভুর জন্মোদয
সেই-কালে দৈব-যোগে চন্দ্র-গ্রহণ হয
फाल्गुन - पूर्णिमा - सन्ध्याय प्रभुर जन्मोदय ।
सेइ - काले दैव - योगे चन्द्र - ग्रहण हय ॥20॥
 
अनुवाद
फाल्गुन पूर्णिमा की शाम को जब भगवान ने जन्म लिया, तो संयोग से उस समय चंद्रग्रहण भी लगा हुआ था।
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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