श्री चैतन्य चरितामृत  »  लीला 1: आदि लीला  »  अध्याय 13: श्री चैतन्य महाप्रभु का आविर्भाव  »  श्लोक 15
 
 
श्लोक  1.13.15 
আদি-লীলা-মধ্যে প্রভুর যতেক চরিত
সূত্র-রূপে মুরারি গুপ্ত করিলা গ্রথিত
आदि - लीला - मध्ये प्रभुर यतेक चरित ।
सूत्र - रूपे मुरारि गुप्त करिला ग्रथित ॥15॥
 
अनुवाद
श्री चैतन्य महाप्रभु ने अपनी आदिलीला में जितनी भी लीलाएँ कीं, उन सबको संक्षेप में मुरारि गुप्त ने लिखा है।
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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