श्री चैतन्य चरितामृत  »  लीला 1: आदि लीला  »  अध्याय 12: अद्वैत आचार्य तथा गदाधर पण्डित के विस्तार  »  श्लोक 89
 
 
श्लोक  1.12.89 
এই ত’ সঙ্ক্ষেপে কহিলাঙ্ পণ্ডিতের গণ
ঐছে আর শাখা-উপশাখার গণন
एइ त’ सङ्क्षेपे कहिलाँ पण्डितेर गण ।
ऐछे आर शाखा - उपशाखार गणन ॥89॥
 
अनुवाद
इस प्रकार मैंने गदाधर पण्डित की शाखाओं और उपशाखाओं का संक्षिप्त विवरण दिया है। अभी और भी बहुत कुछ हैं जिनका मैं उल्लेख नहीं कर सका।
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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