श्री चैतन्य चरितामृत » लीला 1: आदि लीला » अध्याय 12: अद्वैत आचार्य तथा गदाधर पण्डित के विस्तार » श्लोक 81 |
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| | श्लोक 1.12.81  | অনন্ত আচার্য, কবিদত্ত, মিশ্র-নযন
গঙ্গামন্ত্রী মামু ঠাকুর, কণ্ঠাভরণ | अनन्त आचार्य, कविदत्त, मिश्र - नयन ।
गङ्गामन्त्री मामु ठाकुर, कण्ठाभरण ॥81॥ | | अनुवाद | पाँचवीं शाखा अनन्त आचार्य थे, छठी कविदत्त, सातवीं नयन मिश्र, आठवीं गंगामन्त्री, नवीं मामु ठाकुर और दसवीं शाखा कण्ठाभरण थे। | | |
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