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श्लोक 1.12.77  |
এই ত’ কহিলাঙ্ আচার্য-গোসাঞির গণ
তিন স্কন্ধ-শাখার কৈল সঙ্ক্ষেপ গণন |
एइ त कहिलाँ आचार्य - गोसाञि र गण ।
तिन स्कन्ध - शाखार कैल सङ्क्षेप गणन ॥77॥ |
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अनुवाद |
इस प्रकार मैंने संक्षेप में श्री अद्वैत आचार्य के वंशजों की तीन शाखाओं (अच्युतानन्द, कृष्ण मिश्र और गोपाल) का वर्णन किया है। |
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