অচ্যুতের যেই মত, সেই মত সার
আর যত মত সব হৈল ছারখার
अच्युतेर येइ मत, सेइ मत सार।
आर यत मत सब हैल छारखार ॥75॥
अनुवाद
इसलिए, यह निष्कर्ष निकलता है कि अच्युतानंद का मार्ग ही आध्यात्मिक जीवन का सार है। इसके अलावा, जिन लोगों ने इस मार्ग का अनुसरण नहीं किया, वे केवल बिखर कर रह गए।