वेदामृत
Reset
Home
ग्रन्थ
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
श्रीमद् भगवद गीता
______________
श्री विष्णु पुराण
श्रीमद् भागवतम
______________
श्रीचैतन्य भागवत
वैष्णव भजन
About
Contact
श्री चैतन्य चरितामृत
»
लीला 1: आदि लीला
»
अध्याय 12: अद्वैत आचार्य तथा गदाधर पण्डित के विस्तार
»
श्लोक 73
श्लोक
1.12.73
যে যে লৈল শ্রী-অচ্যুতানন্দের মত
সেই আচার্যের গণ — মহা-ভাগবত
ये ये लैल श्री - अच्युतानन्देर मत ।
सेइ आचार गण - महा - भागवत ॥73॥
अनुवाद
श्री अच्युतानंद के मार्ग का अनुसरण करने वाले अद्वैत आचार्य के सभी वंशज महान भक्त थे।
✨ ai-generated
Connect Form
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
© copyright 2025 vedamrit. All Rights Reserved.