श्री चैतन्य चरितामृत  »  लीला 1: आदि लीला  »  अध्याय 12: अद्वैत आचार्य तथा गदाधर पण्डित के विस्तार  »  श्लोक 73
 
 
श्लोक  1.12.73 
যে যে লৈল শ্রী-অচ্যুতানন্দের মত
সেই আচার্যের গণ — মহা-ভাগবত
ये ये लैल श्री - अच्युतानन्देर मत ।
सेइ आचार गण - महा - भागवत ॥73॥
 
अनुवाद
श्री अच्युतानंद के मार्ग का अनुसरण करने वाले अद्वैत आचार्य के सभी वंशज महान भक्त थे।
 
 ✨ ai-generated
 
 
  Connect Form
  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
  © copyright 2025 vedamrit. All Rights Reserved.