श्री चैतन्य चरितामृत » लीला 1: आदि लीला » अध्याय 12: अद्वैत आचार्य तथा गदाधर पण्डित के विस्तार » श्लोक 59 |
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| | श्लोक 1.12.59  | নন্দিনী, আর কামদেব, চৈতন্য-দাস
দুর্লভ বিশ্বাস, আর বনমালি-দাস | नन्दिनी, आर कामदेव, चैतन्य - दास ।
दुर्लभ विश्वास, आर वनमालि - दास ॥59॥ | | अनुवाद | नन्दिनी, कामदेव, चैतन्य दास, दुर्लभ विश्वास और वनमाली दास क्रमश: श्री अद्वैत आचार्य की दसवीं, ग्यारहवीं, बारहवीं, तेरहवीं और चौदहवीं पीढ़ी के वंशज थे। | | |
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