|
|
|
श्लोक 1.12.35  |
ঈশ্বরের দৈন্য করি’ করিযাছে ভিক্ষা
অতএব দণ্ড করি’ করাইব শিক্ষা |
ईश्वरेर दैन्य क रि’ करियाछे भिक्षा ।
अतएव दण्ड क रि’ कराइब शिक्षा ॥35॥ |
|
अनुवाद |
“किन्तु उसने भगवान् के अवतार को दरिद्रता में ग्रस्त भिक्षुक के रूप में भटका दिया है, अतः मैं उसे सही रास्ते पर लाने के लिए दंडित करूँगा।” |
|
|
|
✨ ai-generated |
|
|