श्री चैतन्य चरितामृत  »  लीला 1: आदि लीला  »  अध्याय 12: अद्वैत आचार्य तथा गदाधर पण्डित के विस्तार  »  श्लोक 28
 
 
श्लोक  1.12.28 
‘কমলাকান্ত বিশ্বাস’-নাম আচার্য-কিঙ্কর
আচার্য-ব্যবহার সব — তাঙ্হার গোচর
‘कमलाकान्त विश्वास’ - नाम आचार्य - किङ्कर ।
आचार्य - व्यवहार सब - ताँहार गोचर ॥28॥
 
अनुवाद
आचार्य अद्वैत के सबसे भरोसेमंद सेवक कमलाकांत विश्वास को आचार्य अद्वैत की सारी रीति-रिवाजों और व्यवहारों की जानकारी थी।
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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