श्री चैतन्य चरितामृत  »  लीला 1: आदि लीला  »  अध्याय 12: अद्वैत आचार्य तथा गदाधर पण्डित के विस्तार  »  श्लोक 27
 
 
श्लोक  1.12.27 
আচার্যের আর পুত্র — শ্রী-বলরাম
আর পুত্র — ‘স্বরূপ’-শাখা, ‘জগদীশ’ নাম
आचार आर पुत्र - श्री - बलराम ।
आर पुत्र - ‘स्वरूप’ - शाखा, जगदी श’ नाम ॥27॥
 
अनुवाद
अद्वैत आचार्य के दूसरे पुत्रों में श्री बलराम, स्वरूप और जगदीश थे।
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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