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श्लोक 1.11.55  |
ভাগবতে কৃষ্ণ-লীলা বর্ণিলা বেদব্যাস
চৈতন্য-লীলাতে ব্যাস — বৃন্দাবন দাস |
भागवते कृष्ण - लीला वर्णिला वेदव्यास ।
चैतन्य - लीलाते व्यास - वृन्दावन दास ॥55॥ |
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अनुवाद |
श्रील वेद व्यास ने श्रीमद् भागवत में भगवान कृष्ण की लीलाओं का वर्णन किया था। ठीक उसी प्रकार वृंदावन दास, भगवान चैतन्य महाप्रभु की लीलाओं के व्यास थे। |
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