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अध्याय 11: भगवान् नित्यानन्द के विस्तार
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श्लोक 43
श्लोक
1.11.43
বিষ্ণুদাস, নন্দন, গঙ্গাদাস — তিন ভাই
পূর্বে যাঙ্র ঘরে ছিলা ঠাকুর নিতাই
विष्णुदास, नन्दन, गङ्गादास - तिन भाइ ।
पूर्वे याँर घरे छिला ठाकुर निताई ॥43॥
अनुवाद
नित्यानंद प्रभु के एक और जानी-मानी भक्त विष्णुदास थे, जिनके नंदन और गंगादास नाम के दो भाई थे। कभी-कभी नित्यानंद प्रभु उनके घर ठहरते थे।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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