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श्लोक 1.11.24  |
কমলাকর পিপ্পলাই — অলৌকিক রীত
অলৌকিক প্রেম তাঙ্র ভুবনে বিদিত |
कमलाकर पिप्पलाइ - अलौकिक रीत ।
अलौकिक प्रेम ताँर भुवने विदित ॥24॥ |
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अनुवाद |
कथा के अनुसार कमलाकर पिप्पलाइ तीसरे गोपाल थे। उनका आचरण और भगवान के प्रति उनके प्रेम अद्वितीय थे। इसी कारण उनकी ख्याति विश्व भर में है। |
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