श्री चैतन्य चरितामृत  »  लीला 1: आदि लीला  »  अध्याय 11: भगवान् नित्यानन्द के विस्तार  »  श्लोक 18
 
 
श्लोक  1.11.18 
শ্রী-মাধব ঘোষ — মুখ্য কীর্তনীযা-গণে
নিত্যানন্দ-প্রভু নৃত্য করে যাঙ্র গানে
श्री - माधव घोष - मुख्य कीर्तनीया - गणे ।
नित्यानन्द - प्रभु नृत्य करे याँर गाने ॥18॥
 
अनुवाद
श्री माधव घोष मुख्य कीर्तनकार थे। जब वे कीर्तन करते थे, तब नित्यानंद प्रभु नाचते थे।
 
 ✨ ai-generated
 
 
  Connect Form
  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
  © copyright 2025 vedamrit. All Rights Reserved.