श्री चैतन्य चरितामृत  »  लीला 1: आदि लीला  »  अध्याय 10: चैतन्य-वृक्ष के स्कन्ध, शाखाएँ तथा उपशाखाएँ  »  श्लोक 94
 
 
श्लोक  1.10.94 
বৃন্দাবনে দুই ভাইর চরণ দেখিযা
গোবর্ধনে ত্যজিব দেহ ভৃগুপাত করিযা
वृन्दावने दुइ भाइर चरण देखियो ।
गोवर्धने त्यजिब देह भृगुपात करिया ॥94॥
 
अनुवाद
श्री रघुनाथ दास गोस्वामी वृंदावन जाकर रूप और सनातन की चरण-कमलों को देखना चाहते थे और फिर गोवर्धन पर्वत से कूदकर अपना प्राण त्याग देना चाहते थे।
 
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