মালীর ইচ্ছায শাখা বহুত বাডিল
বাডিযা পশ্চিম দেশ সব আচ্ছাদিল
मालीर इच्छाय शाखा बहुत बाड़िल ।
बाड़िया पश्चिम देश सब आच्छादिल ॥86॥
अनुवाद
श्रील रूप गोस्वामी और सनातन गोस्वामी की शाखाओं का प्रसार महान् माली की इच्छा से हुआ। उनकी शाखाएं पश्चिमी देशों में तेजी से फैलीं और उन्होंने पूरे क्षेत्र को अपने अधीन कर लिया।