श्री चैतन्य चरितामृत » लीला 1: आदि लीला » अध्याय 10: चैतन्य-वृक्ष के स्कन्ध, शाखाएँ तथा उपशाखाएँ » श्लोक 80 |
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| | श्लोक 1.10.80  | কুলীনগ্রাম-বাসী সত্যরাজ, রামানন্দ
যদুনাথ, পুরুষোত্তম, শঙ্কর, বিদ্যানন্দ | कुलीनग्राम - वासी सत्यराज, रामानन्द ।
यदुनाथ, पुरुषोत्तम, शङ्कर, विद्यानन्द ॥80॥ | | अनुवाद | सत्यराज, रामानन्द, यदुनाथ, पुरुषोत्तम, शंकर और विद्यानन्द सभी बीसवीं शाखा के थे। वे कुलीन-ग्राम नामक गाँव के निवासी थे। | | |
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