তাঙ্র লীলা বর্ণিযাছেন বৃন্দাবন-দাস
যেবা অবশিষ্ট, আগে করিব প্রকাশ
ताँर लीला वर्णियाछेन वृन्दावन - दास ।
येबा अवशिष्ट, आगे करिब प्रकाश ॥47॥
अनुवाद
श्रील वृन्दावन दास ठाकुर ने चैतन्य भागवत में हरिदास ठाकुर की लीलाओं का सुंदर वर्णन किया है। जो कुछ बचा हुआ है, उसे मैं इस पुस्तक में आगे बताने का प्रयास करूँगा।