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श्लोक 37
श्लोक
1.10.37
শ্রীমান্-পণ্ডিত শাখা — প্রভুর নিজ ভৃত্য
দেউটি ধরেন, যবে প্রভু করেন নৃত্য
श्रीमान्प ण्डित शाखा - प्रभुर निज भृत्य ।
देउटि धरेन, यबे प्रभु करेन नृत्य ॥37॥
अनुवाद
पंद्रहवीं शाखा श्रीमान् पंडित थे, जो श्री चैतन्य महाप्रभु के नित्य सेवक थे। जब महाप्रभु नृत्य करते थे, तब वे उनके पीछे मशाल लिए रहते थे।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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