वेदामृत
Reset
Home
ग्रन्थ
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
श्रीमद् भगवद गीता
______________
श्री विष्णु पुराण
श्रीमद् भागवतम
______________
श्रीचैतन्य भागवत
वैष्णव भजन
About
Contact
श्री चैतन्य चरितामृत
»
लीला 1: आदि लीला
»
अध्याय 10: चैतन्य-वृक्ष के स्कन्ध, शाखाएँ तथा उपशाखाएँ
»
श्लोक 16
श्लोक
1.10.16
তাঙ্র শিষ্য-উপশিষ্য, — তাঙ্র উপশাখা
এইমত সব শাখা-উপশাখার লেখা
ताँर शिष्य - उपशिष्य , - ताँर उपशाखा ।
एइमत सब शाखा - उपशाखार लेखा ॥16॥
अनुवाद
उनके शिष्य और पौत्र उनके उपपंथ हैं। उन सभी का वर्णन कर पाना कठिन है।
✨ ai-generated
Connect Form
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
© copyright 2025 vedamrit. All Rights Reserved.