श्री चैतन्य चरितामृत  »  लीला 1: आदि लीला  »  अध्याय 10: चैतन्य-वृक्ष के स्कन्ध, शाखाएँ तथा उपशाखाएँ  »  श्लोक 141
 
 
श्लोक  1.10.141 
অঙ্গ-সেবা গোবিন্দেরে দিলেন ঈশ্বর
জগন্নাথ দেখিতে চলেন আগে কাশীশ্বর
अङ्ग - सेवा गोविन्देरे दिलेन ईश्वर ।
जगन्नाथ देखिते चलेन आगे काशीश्वर ॥141॥
 
अनुवाद
गोविंद जी श्री चैतन्य महाप्रभु के शरीर की देखभाल करते थे, और जब महाप्रभु मंदिर में जगन्नाथ जी का दर्शन करने जाते थे, तब काशीश्वर जी महाप्रभु के आगे-आगे चलते थे।
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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