অঙ্গ-সেবা গোবিন্দেরে দিলেন ঈশ্বর
জগন্নাথ দেখিতে চলেন আগে কাশীশ্বর
अङ्ग - सेवा गोविन्देरे दिलेन ईश्वर ।
जगन्नाथ देखिते चलेन आगे काशीश्वर ॥141॥
अनुवाद
गोविंद जी श्री चैतन्य महाप्रभु के शरीर की देखभाल करते थे, और जब महाप्रभु मंदिर में जगन्नाथ जी का दर्शन करने जाते थे, तब काशीश्वर जी महाप्रभु के आगे-आगे चलते थे।