श्री चैतन्य चरितामृत  »  लीला 1: आदि लीला  »  अध्याय 10: चैतन्य-वृक्ष के स्कन्ध, शाखाएँ तथा उपशाखाएँ  »  श्लोक 137
 
 
श्लोक  1.10.137 
মাধবী-দেবী — শিখি-মাহিতির ভগিনী
শ্রী-রাধার দাসী-মধ্যে যাঙ্র নাম গণি
माधवी - देवी - शिखि - माहितिर भगिनी ।
श्री - राधार दासी - मध्ये याँर नाम गणि ॥137॥
 
अनुवाद
शिखिमाहिति की छोटी बहन माधवीदेवी प्रमुख भक्तों में से सत्रहवीं थीं। उन्हें पिछले जन्म में श्रीमती राधारानी की दासी माना जाता है।
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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