श्री चैतन्य चरितामृत » लीला 1: आदि लीला » अध्याय 10: चैतन्य-वृक्ष के स्कन्ध, शाखाएँ तथा उपशाखाएँ » श्लोक 131 |
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| | श्लोक 1.10.131  | কাশী-মিশ্র, প্রদ্যুম্ন-মিশ্র, রায ভবানন্দ
যাঙ্হার মিলনে প্রভু পাইলা আনন্দ | काशी - मिश्र, प्रद्युम्न - मिश्र, राय भवानन्द ।
याँहार मिलने प्रभु पाइला आनन्द ॥131॥ | | अनुवाद | जगन्नाथ पुरी के भक्तों की सूची में (जो परमानन्द पुरी, स्वरूप दामोदर, सार्वभौम भट्टाचार्य तथा गोपीनाथ आचार्य से प्रारम्भ होती है) काशी मिश्र पाँचवें, प्रद्युम्न मिश्र छठे और भवानन्द राय सातवें स्थान पर थे। भगवान् चैतन्य इनसे मिलकर बहुत प्रसन्न होते थे। | | |
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