श्री चैतन्य चरितामृत  »  लीला 1: आदि लीला  »  अध्याय 10: चैतन्य-वृक्ष के स्कन्ध, शाखाएँ तथा उपशाखाएँ  »  श्लोक 13
 
 
श्लोक  1.10.13 
আচার্যরত্নের নাম ‘শ্রী-চন্দ্রশেখর’ —
যাঙ্র ঘরে দেবী-ভাবে নাচিলা ঈশ্বর
आचार्यरलेर नाम ‘श्री - चन्द्रशेखर’ - ।
याँर घरे देवी - भावे नाचिला ईश्वर ॥13॥
 
अनुवाद
आचार्यरत्न को श्री चन्द्रशेखर आचार्य के नाम से भी जाना जाता था। उनके घर में हुए एक नाटक में भगवान श्री चैतन्य ने लक्ष्मी की भूमिका निभाई थी।
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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