श्री चैतन्य चरितामृत  »  लीला 1: आदि लीला  »  अध्याय 10: चैतन्य-वृक्ष के स्कन्ध, शाखाएँ तथा उपशाखाएँ  »  श्लोक 119
 
 
श्लोक  1.10.119 
ভাগবতাচার্য, চিরঞ্জীব শ্রী-রঘুনন্দন
মাধবাচার্য, কমলাকান্ত, শ্রী-যদুনন্দন
भागवताचार्य, चिरञ्जीव श्री - रघुनन्दन ।
माधवाचार्य, कमलाकान्त, श्री - ग्रदुनन्दन ॥119॥
 
अनुवाद
चैतन्य वृक्ष की शाखाओं में भागवताचार्य, चिरंजीव, श्री रघुनंदन, माधवाचार्य, कमलाकान्त और श्री यदुनंदन सभी शामिल थे।
 
 ✨ ai-generated
 
 
  Connect Form
  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
  © copyright 2025 vedamrit. All Rights Reserved.