শ্রী-গোপাল ভট্ট এক শাখা সর্বোত্তম
রূপ-সনাতন-সঙ্গে যাঙ্র প্রেম-আলাপন
श्री - गोपाल भट्ट एक शाखा सर्वोत्तम ।
रूप - सनातन - सङ्गे याँर प्रेम - आलापन ॥105॥
अनुवाद
श्री गोपाल भट्ट गोस्वामी, इस वृक्ष की सैंतालीसवीं महान् और विशिष्ट शाखा थे। वे सदैव रूप गोस्वामी और सनातन गोस्वामी के साथ भगवत्प्रेम विषयक बातों में व्यस्त रहते थे।