श्री चैतन्य चरितामृत  »  लीला 1: आदि लीला  »  अध्याय 10: चैतन्य-वृक्ष के स्कन्ध, शाखाएँ तथा उपशाखाएँ  »  श्लोक 104
 
 
श्लोक  1.10.104 
ইঙ্হা-সবার যৈছে হৈল প্রভুর মিলন
আগে বিস্তারিযা তাহা করিব বর্ণন
इँहा - सबार यैछे हैल प्रभुर मिलन ।
आगे विस्तारिया ताहा करिब वर्णन ॥104॥
 
अनुवाद
मैं आगे विस्तार से बताऊँगा कि ये सारे भक्त श्री चैतन्य महाप्रभु से कैसे मिले।
 
 ✨ ai-generated
 
 
  Connect Form
  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
  © copyright 2025 vedamrit. All Rights Reserved.